­”ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर विवाद: ASI रिपोर्ट के निष्कर्ष में बड़ा खुलासा, सुप्रीम कोर्ट में हो सकती है यह बड़ी सुनवाई

­”ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर विवाद: ASI रिपोर्ट के निष्कर्ष में बड़ा खुलासा, कहा की पहले यहां मंदिर था।

 इस रिपोर्ट के निष्कर्ष में ASI ने कहा है कि जो ढांचा वहां पर मौजूद है। उस परिसर में ज्ञानवापी मस्जिद की परिसर में वह निर्माण से पहले एक हिंदू मंदिर वहां पर मौजूद था। ASI ने कहा है कि उसको एक अरबी फारसी वाला पत्थर भी बरामद हुआ। उस पर शिलालेख है कि जो ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण है वह औरंगजेब के 20 वे शासन काल सन 1676 -1677 के बीच में किया गया था और इस शिलालेख से यह पता चलता है कि जो मौजूदा संरचना है, मतलब जो मस्जिद कहां पर खड़ी है वह सातवीं शताब्दी में औरंगजेब के शासनकाल के दौरान उसको नष्ट किया गया था तो ऐसा प्रतीत होता है इसके कुछ हिस्से जो मॉडिफाई करके बदलकर जो मौजूदा संरचना के इस्तेमाल में है, ज्ञानवापी मस्जिद के निर्माण में लाया।

क्या आपको यह बताना चाहेंगे कि ASI जो सर्वे कर रहा है उसके अंदर उन्होंने वजूखाना जिसको सुप्रीम कोर्ट के आदेश दिया गया था, जिसमें हिंदू पक्ष का दावा है कि वहां पर बीच में शिवलिंग मौजूद है, लेकिन मुस्लिम पक्ष का कहना कि वह शिवलिंग नहीं है उसका सर्वे नहीं हो पा रहा है उसका ASI ने क्या बोला की वह सर्वे के दायरे के बाहर था। ASI इस आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि जो ढांचा है वह हिंदू मंदिर का उसका एक तरीके से स्वरूप है। उसमे मुख्य द्वार की जांच की, पश्चिमी कक्ष और पश्चिमी दीवार की जांच की और जो मौजूदा जो संरचना या ने जो ज्ञानवापी मस्जिद जिस तरीके से व्यक्त करती है, उसकी स्तंभों की भी जांच की और जो शीलालेख निकटतम  बताया जो इनस्क्रिप्शन होती है। पिलर पर जो दीवारों पर उनको भी ASI ने किया। और फिर जो पत्थर की जिसका जिक्र करें, इसको उर्दू फारसी में लिखा गया है। उसका भी ASI ने विश्लेषण किया और वही पर उसी के बाद ऐसा इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि जो मौजूदा चलना चाहिए जो मस्जिद है।

उसके निर्माण से पहले वहां पर एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था।  मंदिर के निर्माण और उसकी मरम्मत में इस्तेमाल हुआ और इसमें कुछ लिखो में देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी मिली है। उन्होंने तयखानों की भी जांच की और तय खानों की जांच में उन्होंने जिन हिस्सों की जांच की, इसमें ASI इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि मैं तय खाने बनाने के लिए मंदिर के स्तंभों का इस्तेमाल किया गया है। साथ ही में पश्चिमी जो कक्ष पश्चिमी दीवार है उसकी भी। कि आप मौजूदा संरचना यानी ज्ञानवापी मस्जिद जो है उसका पश्चिमी दीवार का शेष भाग पहले से एक मौजूद हिंदू मंदिर हाई कोर्ट के समक्ष का क्या कहना है। अंजुमन इस्लामिया मस्जिद है जो उससे पूरी इमारत की, ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करती है। रखरखाव करती है। उसका कहना है कि यह एक सर्वे रिपोर्ट आदेश नहीं है। गुटका की घोषित हो गया की मस्जिद एक जमाने में मंदिर थी। उसको अच्छा ऐसी बात है। मुस्लिम पक्ष में कानूनी चुनौती देगा और मुस्लिम पक्ष का यह कहना है कि अभी रिपोर्ट मिली है। उसको सही करा कर जो उनका जो कोर्ट में रिप्लाई होगा, वह आगे देंगे। इस मामले की सुनवाई हो सकता है। 6 फरवरी को होगा लेकिन अभी तक का उसके लिए तारीख नही दी है।

 हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में मामले को या आदेशों को जो है, चुनौतियां आती रहती है। अब एक और चीज बताना चाहिए कि मुस्लिम पक्ष यह भी कहता है कि यह पूरा प्रकरण है। यह जो पूरा मुद्दा है, पूरे जो मुकदमे हैं, यह प्लेसिस आफ वरशिप से बाधित है। यानी कि 15 अगस्त 1947 के पहले जो भी किसी भी हस्ताक्षर करने की बात भी शिफ्ट उपासना स्थल अधिनियम जो है करता है तो उसी को ध्यान में रखते हुए उनकी दलील हमेशा से रही है। किसी भी कार्रवाई में जितनी भी मांगे हैं यह सब जो है उपाधि नियम।

और अब सुप्रीम कोर्ट में भी और हाई कोर्ट में भी और इसी आधार पर भी मुस्लिम पक्ष की दलीलें देता रहा है। लोगों ने यह भी तर्क लगा कि अगर राम जन्मभूमि पर भी विवाद कोर्ट में चालान किया था तो यहां पर उसी तर्ज पर सर्वे क्यों नहीं होना चाहिए था। लेकिन मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि यह ASI पार्टी है जो किसी का बाध्य साबित करने के लिए इकट्ठा नहीं कर सकती। सरकारी संस्था है, लेकिन इन सभी भी दलीलों को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नहीं, इस मामले में सच्चाई जानने के लिए सर्वे होना चाहिए। आगे देखते कि आने वाले दिनों में इस मामले में क्या कानूनी मोड़ आते हैं। अदालत में किस तरीके से दोनों पक्ष इस सर्वे रिपोर्ट को लेकर मतलब आप बहस करते हैं कि देखना जरूरी होगा और हम उसकी कार्रवाई के मद्देनजर।

डोलाल्ड ट्रंप को 83.3 मिलियन डॉलर पे करना होगा।

2 thoughts on “­”ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर विवाद: ASI रिपोर्ट के निष्कर्ष में बड़ा खुलासा, सुप्रीम कोर्ट में हो सकती है यह बड़ी सुनवाई

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *